- उपसर्ग कुछ ऐसे शब्दांश हैं जो किसी पूरे शब्द के पहले जुड़कर उसके अर्थ में कई तरह के परिवर्तन ला देते हैं। ये शब्द सार्थक नहीं होते पर जिस शब्द के पहले जुड़ते हैं उयमें एक विशेषता ला देते हैं।
- उदाहरणस्वरूप ‘हार’ एक शब्द है जिससे पूर्व प्र,परि , आ ,वि,सं लगाने से उसमें कितना हेर-फेर हो गया है – आहार (खाना) ,परिहार(त्याग,दूर करना) , प्रहार (चोट), विहार(घूमना), संहार (नाश,), बल (शक्ति)
- निर लगाने से निर्बल बना जिसका अर्थ है- शक्तिहीन और स-उपसर्ग लगाए तो सबल का अर्थ हो शक्तिमान , बलवान ।
- उपसर्गो का अध्यन करते समय एक विशेष बात ध्यान देने योग्य यह है कि इनसे कभी कभी तो ऐसा अर्थ हो जाता है कि मूल या रूढ़ शब्द से उसके ताल-मेल बिठाना अत्यंत कठिन हो जाता है।
- मूल में कोई शब्द संज्ञा है , तो उपसर्ग लगने से विशेषण हो जाता है और विशेषण है तो संज्ञा या क्रियाविशेषण हो जाता है।
कुछ उपसर्ग और उनके उदाहरण
- अ – अभाव , निषेध (नहीं) यह उपसर्ग तत्सम संज्ञाओं और विशेषणों अर्थात संस्कृत के ऐसे शब्दों के आदि में जुड़कर प्राय: उनका अर्थ या तो उलट देता है या बहुत कुछ बदल देता है। जैसे – अकथनीय , अकर्ता , अकर्म , अकलंक , अस्पष्ट , अकाल , अक्षय , अचल , अधर्म , असंगति , असमय , अस्थिर ।
- अ- (हिंदी) अनेक तद्भव शब्दों में भी अ- उपसर्ग लगता है । जैसे – अचूक , अडिग , अमिट , अलग , अथक ।
- अति – अधिक , उस पार , ऊपर यह उपसर्ग नियमित या सामसन्य से अधिक , साधारण के अतिरिक्त या सिवाय ‘ आवश्यकता या औचित्य से अधिक आदि अर्थ देता है । जैसे – अतिक्रमण , अतिभोग , अतिरंजना , अतिरिक्त , अतिरेक , अतिवृष्टि , अतिसार , अतीत , अत्यंत , अतिश्योक्ति ।
- अधि :- ऊपर , ऊँचा/प्रधान , मुख्य/अधिकार / अधिक उदाहरण – अधिकरण , अधिकार , अधिकृत , अधिक्षेत्र , अधिगम , अधिग्रहण , अधिनियम , अधिनायक , अधिसूचना ।
- अन् :- अभाव , निषेध अ-निषेधात्मक उपसर्ग का वह रूप जो संस्कृत में स्वर से आरंभ होने वाले शब्दों में लगता है । जैसे – अनंत , अनधिकार , अनंय , अनपेक्षित , अनभिज्ञ , अनर्थ , अनादर , अनादि , अनावश्यक , अनिच्छुक ।
- अन (हिंदी)- निषेध , अभाव या विपरीत तद्भव शब्दों में इसी अर्थ में अन उपसर्ग (बिना हल चिन्ह ) बहुत से शब्दों में जुड़ता है। जैसे :- अनकहा , अनगढ़ ,अनगिनत , अनजाना , अनदेखा , अनपढ़ , अनमना , अनमोल , अनसुनस , अनसुनी , अनहोनी ।
- अनु – पीछे , संग-साथ , प्रत्येक , बार बार , अनुकूल ।, अनुकंपा , अनुकरण , अनुकूल , अनुक्रम , अनुचर , अनुच्छेद , अनुदेश , अनुपात , अनुप्रास , अनुमान , अनुयायी , अनुसरण , अनुराग ।
- अभि – सामने , पास ,कुशल , अच्छी तरह और अनुचित ।अभिकर्ता , अभिजात , अभिज्ञ , अभिनंदन , अभिनय , अभिप्राय , अभिभावक, अभियान , अभियंता , अभिलेख , अभिवृध्दि , अभ्युदय ।
- आ – अपनी आरे , उल्टा , बलपूर्वक , तर्क ।आकर्षण , आकलन , आकांक्षा , आक्रमण , आचरण , आजन्म , आदर्श , आधार ,आनंद , आभार , आभूषण , आमंत्रण , आमरण , आराधना , आवेग , आहार ।
- आत्म – अपना ।आत्मकथा, आत्मगौरव , आत्मघात , आत्महत्या , आत्मनिर्भर , आत्मज , आत्मसम्मान ।
- उत् – ऊपर , ऊँचा , श्रेष्ठ । उत्कंठा , उत्कर्ष , उत्कीर्ण, उत्खनन , उत्तर ,उत्तराधिकार , उत्तीर्ण , उत्तेजना , उत्थान , उत्पत्ति, उत्पल , उत्पात , उपद्रव , उदय , उद्गम , उद्घाटन , उन्नति।
- उप – आरंभ , समीपता , विस्तार या अधिकता , गौणता , छोटाई और व्याप्ति ।उपकरण , उपक्रम , उपजीविका , उपजीवि , उपद्रव , उपधातु , उपनगर , उपनाम , उपनिवेश , उपभोक्ता , उपमा , उपयुक्त , उपवन , उपलक्ष्य , उपस्थित , उपहार , उपासना ।
- चिर – बहुत समय , बहुत समय तक । चिरंजन , चिरंजीव , चिरकाल , चिरायु ।
- तत् – तत्काल , तत्कालीन , तत्क्षण , तत्व , तत्पुरूष , तत्सम , तदुपरांत , तद्भव , तन्मय ।
- दु: , दु , दुस् , दुष् – बुराई अथवा निषेध और कठिनता । दुरूख , दुरूसाहस , दुराग्रह , दुराचारी , दुरात्मा , दुरूपयोग , दुर्गध , दुर्गती , दुर्गम , दुर्घटना , दुर्दिन , दुर्बल , र्दुव्यवहार , दुश्चरित्र , दुष्कर्म , दुष्प्रभाव ।
- नि – झुंड या समूह , अधोभाव ,अत्यंत , आदेश , भीतर । निकाय , निक्षेप , निखिल , निगम , नितंब , निदर्शन , निदान , निधि , निपात , निबंध , निमंत्रण , नियम , नियोजन , निवारण , निवास , निवेदन , निवेश , निहित , न्याय ।
- पर – पराया , दूसरा , गैर , पीछे । परछॉंई , परजीवी , परतंत्र , परदादा , परदादी , परदेश , परपोता , परमार्थ , पराधीन ।
- परा – परे , पीछे , उल्टा । पराक्रम , पराजय, पराभूत , पराकाष्ठा ।
- परि – चारों ओर , अच्छी तरह , अतिशय , पूर्ण , बुरा ।परिकलन , परिक्रमा , परिसर , परिग्रह , परिचय , परिचालन , परिजन , परजिवी , परित्याग , परिधि , परिपालन , परिपूर्ण , परिभ्रमण , परिवर्तन , परिवेश ।
- पुन: – फिर , फिर से , दोबारा । पुनरागमन , पुनरावलोकन , पुनरावृत्ति , पुनरीक्षण , पुनर्ग्रहण , पुनर्वासन , पुनर्विवाह , पुनरूप्राप्ति ।
- प्र – आगे , बहुत , विशेष , मुख्य , बड़ा , अंतर । प्रकथन , प्रकांड , प्रकार , प्रकृत्ति , प्रकोप , प्रगति , प्रचंड , प्रचार , प्रजा , प्रणय , प्रणाम , प्रताप , प्रथा , प्रदर्शन , प्रदेश , प्रपात , प्रबोध , प्रभु , प्रमोद , प्रयास , प्रलय , प्रलोभन , प्रपवास , प्रवेश , प्रशंसा , प्रशांत , प्रशासन , प्रसंग , प्रौढ़।
- प्रति – विपरीत , सामने , बदले में , हर एक , समान , मुकाबले में , अधिनस्थ । प्रतिकार , प्रतिकूल , प्रतिगामी , प्रतिग्रह , प्रतिघात , प्रतिज्ञा , प्रतिदंवंध्दी , प्रतिनिधि , प्रतिपक्ष , प्रतिपालन , प्रतिबंध , प्रतिभा , प्रतिमा , प्रतिरूप , प्रत्यर्पण , प्रत्याश्याा , प्रत्येक ।
- बद (फारसी) – बुरा । बदइंतजामी , बदकिस्मत , बदगुमान , बदचलन , बदजुबान , बदतमीज , बदनाम , बदबू , बदमाश , बदसलूकी , बदहवास ।
- बहु – बहुत (मात्रा में) , अनेक (संख्या में)। बहुभाषी , बहुभुज , बहुमत , बहुमूल्य , बहुस्पिया , बहुवचन , बहुव्रीहि , बहुसंख्यक ।
- बे (फारसी) – बिना रहित । बेअदब , बेअसर , बेइज्जत , बेकरार , बेकसूर , बेकासदा , बेकार , बेखबर , बेवकूफ , बेनकाब , बेशक , बेशरम , बेसमझ , बेहद , बेहिसाब , बेहोश ।
- वि – विशेष , अनेकरूप , विपरीत , अभाव , दूसरा(भिन्न)। विकर्षण , विकार , विकास , विकीर्ण , विक्रम ,विक्रय , विघटन , विचरण , विचलित , विचार , विजय , विज्ञान , विद्रोह , विन्यास , विभाजन , विभूति ,विलाप , विविध ।
- स – के सहित या एक साथ , एक ही में का । सकर्मक , सकाम , सक्रिय , सक्षम , सचेत , सजीव , सतर्क , समूल , सरस , सस्वर , सहृदय ।
- सत् – अच्छा , श्रेष्ठ । सज्जन , सत्कार , सत्पात्र , सदाचारी , सद्गुण , सद्भाव , सत्संग ।
- सम्भ – ली प्रकार , उत्कृष्ट , साथ , पूर्ण। संकलन , संकल्प , संकीर्ण , संकुचित , संकोच , संक्षेप , संख्या , संगम , संगीत , संग्रह ,संगठित , संघर्ष संज्ञा ,संतुलित , संदेह , संपर्क , संपूर्ण , संयुकत , संवेदना , संशोधन , संश्लेषण , संसद , संस्कार , संहिता , समर्पण , समाचार , समीक्षा , समुचित ।
- सम – साथ , बराबर , पास । समकक्ष , समाकालीन , समकोण , समक्ष , समतल , समदर्शी , समबाहु , समवयस्क , समीकरण ।
- सह – साथ , संलग्न ।सहकारी , सहचर , सहज , सहपाठी , सहवास , सहोदर ।
- सु – अच्छा , सुंदर , अधिक , सहज ।सुकर्म , सुकुमार , सुगम , सुगंध , सुचारू , सुदर्शन , सुपुत्र , सुमार्ग , सुयोग , सुरम्य , सुलभ , सुविचार , सुविधा , सुसंगति ।
- स्व – निजी , अपना । स्वच्छंद , स्वतंत्र , स्वयं , स्वरूप , स्वागत , स्वाधीन , स्वाभिमान , स्वार्थ , स्वीकार ।
- हम (फारसी) – साथ रहने वाला , एक सा , बराबर । हम-उम्र , हम-वतन , हम-सफर , हमशक्ल , हम-दर्दी ।
- हर (फारसी) – प्रत्येक , एक-एक । हर-एक , हर-माह , हर-कोई , हर-दम , हर-रोज ।
महत्वपूर्ण प्रश्न
- ‘सम’ उपसर्ग से बना है :- संयोग
- ‘अल ‘ किस भाषा का उपसर्ग है :- अरबी
- ‘नादान’ में ना उपसर्ग किस भाषा से आया है:- फारसी
- ‘बदबू’ में कौन सा उपसर्ग प्रयुक्त है :- बद
- ‘उनचास ‘ में कौन सा उपसर्ग है:- उन
- किस शब्द में उपसर्ग नहीं लगता :- प्रत्याशा
- ‘क्रय’ शब्द में कौन सा उपसर्ग लगाने से उसका विपरीत हो जाएगा :- ‘वि’
- ‘उज्जवल’ में कौन सा उपसर्ग है :- उत्
- ‘परिमाप’ में उपसर्ग बताइए :- परि
- ‘प्रख्यात’ में उपसर्ग छॉंटिए :- प्र
- ‘बेइंसाफी’ में प्रसुक्त उपसर्ग है:- बे
- कौन सा उपसर्ग रहित शब्द है :- कुलीन
- कौन सा उपसर्ग ‘आचार’ शब्द से पूर्व लगने पर उसका अर्थ ‘जुल्म’ हो जाता है :- अति
- किस शब्द में उपसर्ग का प्रयोग हुआ है :- विवाद
- जो शब्दांश शब्द के आदि जुड़कर शब्द के पहले अर्थ को परिवर्तित कर देते है , उन्हे क्या कहते है :- उपसर्ग
- ‘गमन’ शब्द को विपरीतार्थक बनाने के लिए आप किस उपसर्ग का प्रयोग करेंगें :- आ
- ‘आमिष’ को विपरीतार्थक बनाने के लिए आप किस उपसर्ग का प्रयोग करेंगे :- नि:
- मूल धातु से पूर्व जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है उन्हे क्या कहते है :- उपसर्ग
- ‘स्पृश्य’ शब्द को विलोमार्थक बनाने के लिए आप किस उपसर्ग का प्रयोग करेंगे :- नि
- ‘प्रत्युत्पन्नमति’ शब्द में कौन सा उपसर्ग है :- प्रति
- ‘अध्यादेश’ में प्रयुक्त उपसर्ग है :- अधि
- ‘उपहार’ शब्द में कौन सा उपसर्ग है :- उप
- ‘चिरायु’ में प्रयुक्त उपसर्ग है :- चिर
- ‘संस्कार ‘ शब्द में किस उपसर्ग का प्रयोग हुआ है :- सम्
- ‘अनुवाद’ में प्रयुक्त उपसर्ग है :- अनु
- कौन सा उपसर्ग रहित शब्द है :- ओढुना
- कौन सा उपसर्ग रहित शब्द है :- सुरेश
- ‘विज्ञान’ शब्द में प्रयुक्त उपसर्ग है :- वि
- किस शब्द में कोई भी उपसर्ग नहीं है :- स्वार्थ
- ‘अधि’ उपसर्ग से बना शब्द नहीं है :- अधीर
- निरपराध में प्रयुक्त उपसर्ग है :- निर्
- किस शब्द का निर्माण उपसर्ग से नहीं हुआ है :- ऐतिहासिक
- किस शब्द में उपसर्ग का प्रयोग हुआ है :- उपकार
- ‘प्राक्तन’ शब्द में उपसर्ग एवं मूल शब्द का सही विकल्प है :- प्राक् तन
- ‘अनुपस्थित’ शब्द में ‘अन’ व्याकरण की दृष्टि से क्या है :- उपसर्ग
- ‘निराभिमान ‘ में उपसर्ग है :- निर
- कौन सा भिन्न है :- अयोग्य , अज्ञानी , अभाव
- ‘अ’ उपसर्ग के प्रयोग से बना शब्द है :- अवैतनिक
- अपेक्षा कौन सा शब्द ‘प्र’ उपसर्ग लगाकर नहीं बना है :- प्रश्न