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- अंक भरना/ या लगाना :- गले लगाना, आलिंगन करना
- अंकुश न मानना :- न डरना , ढिठाई करना
- अंग-अंग फूले न समाना :- बहुत आनंदित होना
- अंग तोड़ना :- अंगड़ाई लेना
- अंग अंग ढीला होना :- शिथिल होना
- अंगार उगलना :- क्रोध में अपशब्द कहना
- अंगारों पर पैर रखना(अंगारो से खेलना):- अपने को खतरे में डालना , गर्व या अति करना।
- अंगारों पर लोटना :- रोष और डाह के मारे कुढ़ना
- अंगारे बरसना :- कड़ी धूप होना
- अँगूठा चुमना :- अधीन रहना करना
- अँगूठा दिखाना :- समय पर इन्कार कर देना
- अंगूठा नचाना :- चिढ़ाना
- अँगूठे पर मारना :- परवाह न करना
- अँतडि़यॉं गले पड़ना :- संकट में पड़ना
- अंधा बनाना :- मूर्ख बनाकर धोखा देना
- अंधे के हाथ बटेर लगना :- बिना प्रयास भारी चीज पा लेना
- अधर में झुलना :- दुविधा में पड़ना
- अँधेर में रखना :- भेद छिपाना
- अँधेर नगरी :- जहॉं धाधँली का बोलबाला हो
- अक्ल के पीछे लट्टु लिये फिरना :- मूर्खता का काम करना
- अधर में लटकना या झुलना :- दुव्विधा में पड़ा रह जाना
- अन्न का कन्न करना :- बनी चीज को बिगाड़ देना
- अन्न जल उठना :- निवास छूटना
- अन्न जल बदा होना :- कहीं का जाना और रहना अनिवार्य हो जाना
- अन्न जल रूठना :- किसी स्थान का त्याग हो जाना
- अन्न न लगना :- खा-पीकर भी मोटा न होना
- अपना उल्लू सीधा करना :- अपना मतलब निकालना
- अपना टका सा मुहँ लेकर रह जाना :- किसी कार्य में सफल न होने पर लज्जित होना ।
- अपना पराया देखना :- भेद- भाव से देखना
- अपनी खाल में मस्त रहना :- अपनी दशा से संतुष्ट रहना
- अपनी खिचड़ी अलग पकाना :- अलग-थलग रहना
- अपनी हॉंकना :- आत्मा श्लाघा करना
- अपना अपना रोना :- अपनी ही बात करना , दुख कहना
- अपने मुँह मियॉं मिट्टू बनना :- आत्म श्लाघ करना
- अब तब लगना :- मरने का समय निकट होना
- अपने पॉंव पर कुल्हाड़ी मारना :- स्वयं कष्ट में पड़ना
- अर्श से फर्श तक :- आकाश से भूमि तक
- अरण्य-रोदन :- व्यर्थ विलाप
- अलबी-तलबी छॉंटना :- रोब जमाना
- अलबी-तलबी धरी रह जाना :- निष्फल कोप होना
- अलाली चझ़ना(सवाल होना या सूझना):- सुस्ती आना , अकर्मण्यता आना
- अल्लाह मियॉं की गाय :- सरल स्वभाव वाला
- अस्ति-नस्ति में पड़ना :- दुव्विधा में पड़ना
- ऑंख आना :- ऑंख दुखना
- ऑंख उठाना :- ध्यान हटाना , आहत करने का विखर
- ऑंख का काजल करके रखना :- अत्यन्त प्रिय बनाकर समीप रखना
- ऑंख खुलना :- सावधान होना
- ऑंख रखना :- निगरानी करना
- ऑंखों का काजल चुराना :- गहरी चोरी कर लेना
- ऑंख का उजाला :- अति प्रिय व्यक्ति
- ऑंखों का तारा होना :- अति प्रिय व्यक्ति होना
- ऑंख खुलना :- भ्रम दूर होना
- ऑंख खोलकर देखना :- भली-भॉंति देखना
- ऑंख गड़ाना :- ध्यानपूर्वक देखना , लेने की प्रबल इच्छा करना ।
- ऑंखों में खून उतरना :- गुस्से से ऑंखे लाल हो जाना
- ऑंख गिरा लेना :- लज्जित होना
- ऑख से गिरना :- अभद्रास्पद होना , घृणिज होना
- ऑंख में घर करना :- मन में बसना
- ऑंख में नाचना :- ध्यान में रखना
- ऑंख चार होना :- परस्पर देखना
- ऑंखे पथरा जाना :- गहरे शोक में हो ना , बहुत प्रतीक्षा करना
- ऑंखे बिछाना :- प्रतीक्षा करना , स्वागत के लिए प्रस्तुत होना
- ऑंख चुराना :- कतराना , सामने न आना
- ऑंख ठंडा करना :- प्रिय वस्तु को देखकर सुख प्राप्त करना
- ऑंख दिखाना :- सकोप देखना , धमकाना
- ऑंख निकलना :- विस्मय को प्राप्त होना
- ऑंख में परदा पड़ना :- मूर्खता आ जाना ,भ्रम होना , धोखा होना
- ऑंखो पद परदा डालना :- धोखा देना , भ्रम में डालना
- ऑंखे फाड़कर देखना :- गौर से देखना , आश्चर्य से देखना
- ऑंख फिरना :- पहले की सी प्रीति का भाव न रहा
- ऑंख भर आना :- ऑंसू आ जाना
- ऑंख भर कर देखना :- इच्छा भर देखना
- ऑंख मारना :- इशारा करना
- ऑंख का कॉटा होना :- बुरा होना
- ऑंख में करकना :- बुरा लगना
- ऑंखो का पानी ढलना :- बेहया होना
- ऑंख में चरबी छाना :- मदान्ध होना
- ऑंखो में खून उतरना :- क्रोध आ जाना
- ऑंखो में धूल डालना :- प्रतयक्ष धोखा देना
- ऑंख लाल पीली करना :- सकोप दृष्टि से देखना
- ऑंखो से गिरना :- आदर भाव घट जाना
- ऑंच आना :- चोट सा हानि पहुँचाना
- ऑंचल से बॉंधना :- ध्यान में रखना
- ऑंसू पीकर रह जाना :- भीतर ही भीतर कुढ़कर रह जाना
- ऑंसू पोंछना :- ढाढ़स बँधाना
- अरइने में मुँह देखना :- अपनी योग्यता या क्षमता को जॉचना
- आकाश कुसुम होना :- अनहोनी बात होना , दुर्लभ होना
- आकाश में चढ़ना :- कल्पना क्षेत्र में घूमना
- आकाश पाताल एक करना :- बहुत उधम करना
- आग पर तेल छिड़कना :- और भड़काना
- आग पर पानी डालना :- झगड़ा दबाना
- आग पानी का संबंध :- स्वाभाविक शत्रुता
- आग पानी साथ रखना :- असम्भव कार्य करना
- आग बबूला होना :- बहुत गुस्सा होना
- आग लगना :- बवाल मच जाना
- आग मे कूदना :- जान जोखिम में डालना
- आग लगने पर कुऑं खोदना :- पहले से कोई उपाय न कर रखना
- आगा-पीछा करना :- हिचकिचाना , सन्देह में रहना
- आगे का पैर पीछे पड़ना :- विपरीत गति या दशा में पड़ना
- आटा गीला होना :- संकट में पड़ जाना
- आग लगाकर तमाशा देखा :- झगड़ा पैदा करके खुश रहना
- आटे दाल का भाव मालूम होना :- दुनियादारी का ज्ञान होना
- आटे दाल की फिक्र होना :- जीविका की चिन्ता होना
- आठ-आठ ऑंसू रोना :- बहुत पछताना
- आदमी करना :- पति बनाना
- आधा तीतर आधा बटेर :- बेमेल चीजों का सम्मिश्रण
- आधी जान सूखना :- अत्यन्त भय लगना
- आव देखा न ताव :- बिना कारण
- आवाज उठना :- विरोध में कहना
- आसन डोलना :- कृपा होना
- आसमान को चूमना :- बहुत उॅचां होना
- आसमान को तारे तोड़ना :- असम्भव कार्य करना
- आसमान टूट पड़ना :- विपत्ति आ जाना
- आकाश पर दिमाग होना :- अधिक घमंड करना
- आसमान सिर पर उठाना :- उत्पात मचाना , उपद्रव करना
- आकाश में छेद करना :- आश्चर्यजनक कार्य करना
- आकाश से बातें करना :- काफी ऊँचा होना
- आसमान पर चढ़ा देना :- बहुत तारीफ करना
- आस्तीन का सांप :- विश्वासघाती
- आस्तीन में सांप पालना :- दुश्मन को मित्र रूप में देखना
- इन्द्र की परी :- बहुत सुन्दर स्त्री
- इधर उधर उड़ान :- व्यर्थ की बातें करना
- इधर की उधर करना/लगाना :- चुगली करके भड़काना
- इधर की उधर होना :- प्रकृति के नियमों में परिवर्तन हो जाना , असम्भव बात हो जाना
- इशारे पर नाचना :- संकेत पाते ही आज्ञा का पालन करना
- ईट से ईंट बजाना :- किसी घर या नगर को बरबाद करना
- ईद का चॉंद होना :- बहुत दिनों बाद दिखाई देना
- ऊगंली उठाना :- बदनामी करना , लांछित करना
- उँगली पकड़ते पहुँचा पकड़ना :- ज़रा सा सहारा मिलते ही कुछ और पाने की लालसा करना
- उंगलियों पर नाचना :- जैसा कोई चाहे वैसा ही करना
- उखाड़ पछाड़ करना :- त्रुटियॉं दिखाकर कटूक्तियॉं करना
- उड़ती चिडि़या पहचानना :- दिल की बात समझ लेना
- उधर खाना और लगाना :- कर्ज को बढ़ाकर नाशकारक बनाना
- उधेड़बुन में पड़ना :- सोच विचार में पड़ना
- उन्नीस बिस्वा :- अधिकांश में
- उन्नीस बीस होना :- दो वस्तुओं में कुछ थोड़ा अंतर होना
- उम्र का पैमाना भर जाना :- जीवन का अंत नजदीक आना
- उरद के आटे की तरह ऐंठना :- क्रोध करना
- उन्नीस पड़ना या होना :- कुछ घटकर होना
- उल्टे मुँह गिरना :- दूसरे को नीचा दिखाने के लिए स्वंय नीचा देखना
- उल्टी गंगा बहाना :- उलटा काम करना
- उल्टी पटृटी पढ़ाना :- भुलावा देना
- उल्टे बॉंस बरेली को :- विपरीत दिशा में जाना या विपरीत कार्य होना
- उल्टी माला फेरना :- अहित सोचना /बुरा मानना
- उल्टे छूरे से मूंड़ना :- बेवकूफ बनाकर काम निकालना
- उल्लू बनाना :- मूर्ख बनाना
- उल्लू बोलना :- कहीं पर उजाड़ होना
- ऊँचे-नीचे पैर पड़ना :- बुराई में पड़ जाना
- एक ही थाली के चटेृ-बटेृ :- एक मेल के मनुष्य
- एक तीर से दो शिकार :- एक कार्य से कई शिकार
- एक ऑंख से देखना :- सबको बराबर समझना
- एक लाठी से हॉंकना :- समान व्यवहार करना
- एडि़यॉं रगड़ना :- स्वार्थ सिध्दि के लिए चक्कर लगाना , बहुत दिनों से क्लेश में रहना
- एक की चार लगाना :- छोटी बातों को बढ़ाकर करना
- एड़ी चोटी का जोर लगाना :- कठिन मेहनत करना
- एड़ी से चोटी तक :- सिर से पैर तक पूरा
- एक से तीन बनाना :- अधिक लाभ लेना
- ऐरा- गेरा नत्थू खैरा :- सामान्य व्यक्ति
- ऐसा वैसा :- साधारण व्यक्ति
- ऐसी की तैसी करना :- दुर्दशा करना
- औंधी खोपड़ी :- मूर्खता
- औंधे मुँह गिरना :- धोखा खाना , नीचा देखना
- औने पौने करना :- जितनी ही दाम कमले उतने पर ही बेच डाला
- ओंठ चबाना :- क्रोध और दु:ख प्रकट करना
- ओखली में सिर देना :- कष्ट सहने पर उतारू होना
- ओस पड़ जाना :- कुम्हलाना उमंग कम हो जाना
- कंठ में होना :- बिल्कुल याद आने वाला
- कचूमर निकालना :- बहुत पीटना
- कच्चा काम करना :- अपूर्ण कार्य करना
- कच्ची खाना :- हारना
- कच्ची जबान बोलना :- अशिष्ट शब्द कहना
- कच्ची पक्की बात कहना :- झुठ सच कहना
- कच्चा चिट्ठा रखना :- चरित्र का नग्न रूप रखना , गुप्त रहस्य प्रकट करना
- कच्चा चिट्टा खोलना :- सब कुछ खोल देना
- कच्ची गोटी खेलना :- दिखावटी या असफल काम करना
- कच्चा पड़ना :- कमजोर पड़ना
- कट जाना :- झेंपना
- कड़वे कसैले दिन :- बुरे दिन
- कढ़ी का सा उबाल :- जल्दी ही घट जाने वाला जोश
- कफन सिर में बॉंधना :- मृत्यु से भयभीत न होना
- इकदम पर कदम रखना :- अनुकरण करना
- कन्नी काटना :- सामने न आना
- कफन की कौड़ी न होना :- अत्यन्त दरिद्र होना
- कब्र खोदना :- मरने का प्रबन्ध करना
- कमर कसना :- तैयार हो जाना
- कमर टूटना :- हिम्मत नष्ट होना
- कमर सीधि करना :- लेटकर आराम करना
- कयामत बरपाना :- अति उपद्रव करना
- करवट लेना :- कुछ ध्यान न देना , सन्नाटा खींचना
- कर्ण का प्रहर :- प्रीति काल , दान समय
- कलई खुलना :- भेद जाहिर होना
- कलेजा दो टूक होना :- बहुत दु:खी होना
- कलम तोड़ देना :- लिखने की हद कर देना
- कलेजा ठंडा होना :- मन को शांति मिलना
- कलेजा दुखाना :- दु:ख देना
- कलेजा थाम कर रह जाना :- मन मसोस कर रह जाना
- कलेजा थामकर बैठना :- तसल्ली के साथ बैठना
- कलेजा धक से हो जाना :- भयभीत होना
- कलेजा निकाल कर रखना :- अपनी प्यारी चीज दे देना
- कलेजा पर सॉंप लोटना :- डाह करना
- कल्पना के घोड़े दौडा़ना :- बिना मतलब बातें करना
- कॉटा निकालना :- संकट दूर होना
- कॉंटे बिछाना :- विघ्न डालना
- कॉंटा दूर हो जाना :- बाधार दूर होना
- कॉंटो पर लोटना :- बेचैन होना
- कागज भरना :- व्यर्थ लिखना
- कागज की नाव :- अस्थायी वस्तु
- कागज के फूल :- कृत्रिम वस्तु
- कागजी घोड़ा दौड़ाना :- लिखा पढ़ी करना
- काजल की कोठरी :- कलंक लगने का कार्य अथवा स्थान
- काटने दौड़ना :- चिड़चिड़ाना , डरवाना
- काटो तो खून नहीं :- अत्यन्त भयभीत होना
- काठ का उल्लू :- बड़ा मूर्ख
- काठ होना :- चेतनाहीन होना , सूखकर कड़ा होना
- काठ की पुतली होना :- शक्तिहीन होना
- कान गरम करना :- दंड देना
- कान खड़े होना :- सचेत होना , भयभीत होना
- कान पर जूँ न रेंगना :- कुछ भी परवाह न होना
- कान पर हाथ रखना :- इन्कार करना
- कान भरना :- शिकायत करना
- कान में उंगली देना :- बुरी बात सुनने से कतराना
- कान में तेल डाले बैठना :- अनुसनी कर देना
- कान में डाल देना :- बता देना
- कान न हिलाना :- कुछ उत्तर न देना
- कानों कान खबर न होना :- किसी को ज्ञात न होना
- काफूर होना :- गायब हो जाना
- कान देना :- ध्यान से सुनना
- कान लगाना :- ध्यान देना
- काम आना :- युध्द में मारा जाना , उपयोग में आना
- काम तमाम करना :- मार डालना
- काया पलट जाना :- रूपान्तर होना
- कालिख पोतना :- बदनामी करना
- किताबी कीड़ा :- सदैव किताब पढ़ने वाला
- किनारा कसी करना :- दूर होना , साथ छोड़ना
- किरकिरा होना :- विघ्न होना
- कीचड़ उछालना :- निन्दा करना
- कीचड़ मे फँसना :- कठिनाई में पड़ना
- कुआ खोदना :- हानि पहँचाने
- कुऍं में गिरना :- बुरी मौत मरना
- कुत्ते का भेजा खाना :- अधिक बकवास करने की शक्ति होना
- कुम्हड़ बतिया होना :- अशक्त होना
- कुर्सी पाना :- पद या अधिकार पाना
- कूच कर जाना :- प्रयाण करना , मर जाना
- कूप मण्डूक :- संकुचित ज्ञान वाला व्यक्ति
- कैंची काटना :- दृष्टि बचा कर चले जाना
- कोल्हू का बैल :- ना समझ परन्तु परिश्रमी
- कौड़ी का तीन होना :- बहुत सस्ता होना
- कौआ गुहार :- गहरा शोर गुल
- कौवे उड़ाना :- निकृष्ट कार्य करना
- काला नाग :- खोटा या घातक व्यक्ति
- खटाई में पड़ना :- टल जाना /दुविधा में पड़ना
- खयाली पुलाव पकाना :- व्यर्थ कल्पना करना
- खरा खेल फर्रूखाबादी :- निष्कपट व्यवहार
- खाक छानना :- मारा मारा फिरना
- खाक में मिलना :- नष्ट होना
- खाल उधेड़ना :- कड़ा दण्ड देना
- खाल खींच कर भूसा भरना :- बहुत मारना
- खून खौलना :- गुस्सा चढ़ना
- खून पीना :- तंग करना , मार डालना
- खून के घूँट पीना :- बुरी लगने वाली बात को सह लेना
- खून-पसीना एक करना :- कड़ी मेहनत करना
- खेत रहना :- युध्द में मारा जाना
- खोपड़ी खा जाना :- व्यर्थ प्रलाप कर तंग करना
- खाला का घर :- सहज काम , अपना घर
- गड़े मुर्दे उखाड़ना :- पुराने झगड़े की बात का उठाना
- गढ़ जीतना :- बहुत कठिन कार्य कर लेना
- गरदन उठाना :- विरोध करना
- गर्दन झुकाना :- अधीनता स्वीकार करना
- गले मढ़ना :- जबरदस्ती देना
- गले बॉंधकर डूब मरना :- अति लज्जायुक्त होना
- गहरा हाथ मारना :- अच्छी वस्तु प्राप्त करना
- गागर में सागर भरना :- थोड़े में बहुत कह देना
- गाजर मूली समझना :- तुच्छ समझना
- गाढ़े का साथी :- संकट में साथी
- गाल फुलाना :- रूठना
- गाल बजाना :- डींग मारना
- गिरगिट की तरह :- विचारों में जल्दी जल्दी रंग बदलना परिवर्तन करना
- गीदड़ भभकी :- दिखावटी धमकी
- गुड़ गोबर कर देना :- अच्छा काम बिगाड़ देना
- गुदड़ी का लाल :- गरीबी में उन्नति करने वाला
- गुल खिलना :- झगड़ा पैदा होना , विचित्र बात होना
- गूलर का फूल होना :- न दिखाई पड़ना
- गोटी बैठना :- युक्ति सफल होना
- गठरी मारना :- सामान चुरा लेना
- गॉंठ का पूरा :- मालदार
- गाढ़े का साथी :- संकट का साथी
- घड़ी गिनना :- मरणासन्न होना , बड़ी उत्सुकता से प्रतीक्षा करना
- घड़ो पानी पड़ जाना :- बहुत शर्मिंदा होना
- घट में बसना :- मन में बसना
- घर का न घाट का :- किसी तरफ का नहीं
- घर फूँक तमाशा देखना :- अपनी हानी करके मौज उड़ाना
- घर बैठे गंगा आ गई :- बिना मेहनत अधिक सम्पत्ति मिलना
- घाट घाट का पानी पीना :- घूम फिर कर अनुभव प्राप्त करना
- घाव पर नमक छिड़कना :- और दुखी करना
- घाव हरा होना :- पिछले कष्ट
- घास छीलना :- व्यर्थ समय गँवाना
- घी के दियो जलाना :- खुशी मनाना
- घोड़े बेंचकर सो जाना :- बेफिक्र होकर सोना
- घोड़े पर चढ़े आना :- उतावली में होना
- घोंघा बसंत:- मूर्ख
- चंडू खाने की गप :- पूर्णत असत्य बात
- चल बसना :- मर जाना
- चड्ढी गॉंठना :- अधिकार जमाना
- चॉंद पर थूकना :- निर्दोश पर कलंक लगाना
- चलता पुरजा :- चालाक और व्यवहार कुशल
- चॉंदी का जूता मारना :- रूपये पैसे कि लालच
- चॉंदी का जूता :- घूस का धन
- चॉंदी काटना :- खूब धन पैदा करना
- चार चॉंद लगाना :- शोभा बढ़ जाना
- चिराग तले अंधेरा होना :- अपना दोष अपने को न दिखाई पड़ना
- चींटी के पर निकलना :- विनाशात्मक कार्य करना
- चिराग गुल होना :- वंश नष्ट होना
- चुल्लू भर पानी में डूब मरना :- अत्यधिक लज्जित होना
- चुडि़यॉं पहनना :- कायर होना
- चेहरे पर हवाइयॉं उड़ना :- आश्चर्य , भय सहित होना
- चुटिया हाथ में होना :- वश में होना
- चूना लगाना :- धोखा देना
- चोटी का पसीना एड़ी तक आना :- कड़ा परिश्रम करना
- छठी का दूध याद आना :- बहुत परेशान करना
- छाती पर पत्थर रखना :- दुख सहने को हदय कठोर करना
- छाती पर मूँग :- दिल दुखाना
- छाती ठोंककर :- हिम्मत करके
- छोटे मुँह बड़ी बात :- अपने स्तर से ऊँची बात
- जड़ खोदना :- समूल नष्ट करना
- जहर की पुडि़या :- मुसीबत की जड़
- जमीन आसमान एक करना :- सर्वोपाय करना , कोई भी उपाय न छोड़ना
- जमीन आसमान का फर्क :- बहुत बडुा अंतर
- जोंक होकर लिपटना :- किसी के पीछे बुरी तरह पड़ना
- जहाज का काग होना :- ऐसी स्थिती में होना कि एक को छोड़कर दूसरा ठिकाना न हो
- जनवासे की चाल चलना :- बहुत सुस्त होना
- जहर उगलना :- बहुत बुरा भला कहना
- जी जान से खेलना :- प्राणों की बाजी लगाना
- जी खटृा होना :- विरक्ति होना
- जीती मक्खी निगलना :- जान बुझकर हानिकारक कार्य करना
- जीभ चलाना :- बकवास करना
- जूती चाटना :- चापलूसी करना
- जोड़ तोड़ करना :- उपाय करना , अलगाव पैदा करना
- ज़बान पर चढ़ना :- याद आना
- जमीन मे गड़ना :- लज्जा से सिर नीचा होना
- जलती आग में घी डालना :- उदीप्त करना
- झंडा ऊंचा होना :- जीत होना , ऐश्वर्य या आतंक फैलाना
- टका सा जवाब देना :- कोरा उत्तर देना
- टाट उलटना :- दिवाला निकलना
- टॉंग अड़ाना :- विघ्न डालना
- टॉंग तले से निकालना :- हार मनवाना
- टेढ़ी खीर :- कठिन काम
- ठन – ठन गोपाल :- खोखला
- डेढ़ चावल की :- भिन्न विचार रखना
- ढाई घड़ी की आना :- अचानक मर जाना
- ढेर करना :- मार कर गिरा देना
- तख्त उलटना :- बना काम बिगाड़ देना , अपदस्थ होना
- तलवा चाटना :- खुशामद करना
- तुर्की ब तुर्की बोलना :- जैसा को तैसा
- तालू में दॉंत जमना :- विपत्ति या बुरा समय आना
- तलवे धोकर पीना :- जूते चाटना
- तार-तार होना :- पूरी तरह फट जाना
- तूती बोलना :- रोब जमाना
- थूक कर चाटना :- वचन से फिरना
- दम भरना :- दावा करना
- दॉंत तालू में जमना :- बुरे दिन आ जाना
- दाना पानी उठना :- जगह छोड़ना
- दाल का गलना :- बस न चलना
- दिल का गुबार(बुखार) निकालना :- दबा भाव प्रकट करना
- दिल भर आना :- शोककुल होना
- दूज का चॉंद होना :- बहुत दिनों बाद दिखाई देना
- दूध का धुला/ धोया होना :- निर्दोष या निष्कलंक होना
- देवता कूच कर जाना :- घबरा जाना
- दो दिन का मेहमान :- जल्दी मरने वाला
- धूप में बाल सफेद करना :- अनुभवहीन होना
- नमक मिर्च लगाना :- बढ़ा चढ़ाकर कहना
- नस पहचानना :- अच्छी तरह जानना
- नाक का बाल होना :- बहुत प्यारा होना
- नाक भौं चढ़ाना :- घृणा या असंतोष प्रकट करना
- नाक रगड़ना :- गिड़गिड़ाना
- नाच नचाना :- मनचाही करवाना
- नीचा दिखाना :- हराना
- नौ दो ग्यारह होना :- भाग जाना
- पानी पानी होना :- अत्यन्त लज्जित होना
- प्राणों पर खेजना :- प्राणें की परवाह न करके खतरे में पड़ना
- पौ बारह होना :- बन आना , लाभ होना
- पॉंचो अंगुलियॉं घी में होना :- सभी प्रकार का आराम या लाभ होना , अच्छी बन पड़ना
- पटरी बैठना :- बैठना मिलना , अच्छे संबंध होना
- पर न मारना :- पहुँच न हो सकना
- पल्ला पकड़ना :- सहारा लेना
- पहाड़ टूट पड़ना :- भारी विपत्ति आ जाना
- पानी फेर देना :- बिगाड़ देना
- पैरों पर खड़ा होना :- स्वावलम्बी होना
- प्राणों पर खेलना :- प्राणों की बाजी लगा देना
- फूँक फूँक कर कदम रखना :- सावधानी से कार्य करना
- मुख से फूल झड़ना :- मधुर वचन बोलना
- बटृटा लगाना :- दोष या कलंक लगना
- बॉंसों उछलना :- बहुत खुश होना
- बाल बॉंका न होना :- कुछ भी हानि या कष्ट न होना
- बरस पड़ना :- गुस्सा होना
- बाल बाल बचना :- बिल्कुल बच जाना
- बत्तीसी बन्द होना :- बोल न निकलना , उदासी छा जाना
- बच्चों का खेल :- सरल काम
- बस में रखना :- अधीन रखना
- बाऍं हाथ का खेल :- अति सरल काम
- बात तक न पूछना :- आदर न करना
- बालू से तेल निकालना :- असंभव का संभव कर दिखाना
- बहती गंगा में हाथ धोना :- अवसर का लाभ उठाना
- बाछें खिलना :- अत्यन्त प्रसन्न होना
- भैंस के आगे बीन बजाना :- मूर्ख को उपदेश देना
- भाड़े का टट्टू :- पैसे लेकर ही काम करने वाला
- मन मोदक खाना :- कल्पित बात सुनकर प्रसन्न होना
- मुँह बनाना :- खीझ प्रकट करना , चिढाना
- मक्खियॉं मारना :- बेकार रहना
- मन मैला करना :- खिन्न होना
- मुँह धो आना :- खिसियाहट मिटाना , अपनी कमी दूर करना
- मीन मेख करना :- त्रूटि निकालना
- मंच पर आना :- अगुवाई करना , सामना करना
- मुँह की खाना :- हार जाना , अपमानित होना
- मुँह में पानी आना :- लालच भरी दृष्टि से देखना
- मुँह बनाना :- खीझ प्रकट करना
- मुट्टी में करना :- वश में करना
- राई का पहाड़ बनाना :- छोटी बात को बढा़ चढा कर कहना
- रास्ता देखना :- प्रतीक्षा करना
- लकीर का फकार होना :- अन्धविश्वासी होना , अनुकरणवादी होना
- लाल पीला होना :- बहुत गुस्सा करना
- लोहे के चने चबाना :- कठिनाई का सामना करना
- लोहा मानना :- श्रेष्ठता स्वीकार करना
- विष घोलना :- गड़बड़ पैदा करना
- शैतान की ऑंत :- लम्बी बात
- श्रीगणेश करना :- प्रारम्भ करना
- सब धन बाईस पसेरी :- सभी वस्तुओं का एक भाव होना , समान व्यवहार
- सॉंप छछून्दर की गति होना :- असामन्जस्य की दशा होना
- सॉंप सूँघ जाना :- गुप चुप हो जाना
- सिर ऑंखो पर होना :- सहर्ष स्वीकार होना
- सिर मुडा़ते ओले पड़ना :- आरम्भ में ही संकट उपस्थित होना
- सिर उठाना :- विरोध करना
- सिर पर सवार रहना :- पीछे पड़ना
- सिर खाना :- परेशान करना
- सींग कटाकर बछड़ो में मिलना :- बढ़े होकर भी बच्चों जैसा काम करना
- साने की चिडि़या :- समृध्दिशाली
- सूई की नोक बराबर :- जरा सा
- सूरज को दीपक दिखाना :- प्रसिध्द व्यक्ति का परिचय देना
- सूख कर कॉंटा होना :- अच्छा न लगना
- हवाई किले बनाना :- कल्पना की उड़ान भरना
- हथेली खुजलाना :- कुछ धन मिलने का होना
- हाथ मारना :- छीन लेना
- हाथ साफ करना :- बेईमानी से लेना
- हाल पतला होना :- दयनीय दशा होना
- हाथ पांव पीटना :- परिश्रम रिना , व्याकुल होना
- हथेली पर सरसों उगाना :- असम्भव कार्य करना
- हाथी के पैर में सबका पैर :- बड़ी चीज के साथ छोटी का साहचर्य
- हाथ पीले करना :- शादी करना
- हाथ के तोते उड़ जाना :- सिटपिटा या घबरा जाना
- हाथ पर हाथ धरे रहना :- बेकाम रहना
- हाथ मलते रह जाना :- पछताना